2020-09-13
Location : Webinar


"इंजीनियर्स दिवस" एवं "विश्वइ-व्हीकल दिवस" :"इलेक्ट्रिक व्हीकल - क्यों एवं कैसी" जैन इंजीनियर्स सोसाइटी- पुणे प्रकोष्ठ द्वाराआयोजन श्रीमतीआरतीजैनकाला इंजी.(डॉ) प्रकाशजैनबड़जात्या इंजीनियर्स दिवस (15सित.) एवं विश्वइ-व्हीकल दिवस (9सित.) केउपलक्ष्य में रविवार, 13सित. ,2020 को इंजी. (डॉ) प्रकाश जैन बड़जात्या का "इलेक्ट्रिक व्हीकल - क्यों एवं कैसी" विषय पर पुणे प्रकोष्ठ द्वारा एक उद्बोधन का आयोजन किया गया I अध्यक्ष इंजी. सुधीर जैन के स्वागत एवं मंगला चरण के पश्चात श्रीमती आरती जैन काला ने इंजीनियर्स द्वारा समाज की उन्नति में उनकी भूमिका का निरूपण करते हुए सर श्री एम्. विश्वेसरैया के संक्षिप्त परिचय के पश्चात उनको हार्दिक श्रद्धांजलि दी I अपने जानकारी प्रदउद्बोधन में जैन इंजीनियर्स सोसाइटी के पुणे प्रकोष्ठ के संस्थापक संरक्षक डॉ. बड़जात्या ने वर्तमान परिपेक्ष्य में वैश्विक प्रदुषण को कम करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक व्हीकल कीआवश्यकता का प्रतिपादन किया I लेकिन साथ ही आज, विशेषकर कोविद महामारी के पश्चात एवं "गलवानघाटी" में शहीदों के बलिदान से उद्भवित परिस्थिति में "आत्म-निर्भरभारत" एवं "मेकइनइंडिया" के परिपेक्ष्य में देश में उपलब्ध सामग्री एवं टेक्नोलॉजी का उपयोग करने पर बल दिया I इसके लिए प्रथम चरण में 4-व्हीलरइ लेक्ट्रिक के बजाय 2/3 इलेक्ट्रिक व्हीलर के उपयोग एवं निर्माण का सुझाव दिया I चूँ कि लिथियम - आयन बैटरी के लिए न तो कच्चा माल उपलब्ध है एवं नही टेक्नोलॉजी, अतः उसकी जगह देश में उपलब्ध एवं संशोधित लीड एसिड बैटरी का उपयोग कर इसे प्रोत्साहन देना चाहिए I इस सम्बन्ध में भारत सरकार का 12अगस्त, 2020 का बैटरी रहित 2/3-व्हीलर बेचने एवं पंजीकरण का निर्णय स्वागतयोग्य है I "विश्वहिंदीदिवस" (14सित.) के उपलक्ष्य में राष्ट्र भाषा हिंदी के लिए समर्पित डॉ. बड़जात्या ने अपना उद्बोधन ही नहीं, बल्कि उसके कई स्लाइड्स भी हिंदी में ही बनाए थे I सभी वक्ताओं का परिचय एवं कार्यक्रम का सफल सञ्चालन श्रीमती विनीता जैन द्वारा किया गया I अंत में इंजीनियर्स दिवस के उपलक्ष्य में उपाध्यक्ष इंजी. अरविन्दजैन द्वारा "प्रतिज्ञा" दिलवाई गई I कार्यक्रम की सह-प्रायोजक "श्री खंडेलवाल दिग. जैन समाज, पुणे-पिम्परी-चिंचवड़" के अध्यक्ष श्री देवेंद्र बाकलीवाल द्वारा सभी इंजीनियर्स को बधाई एवं धन्यवाद के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ I